अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैक्स, रूस से तेल खरीद पर बढ़ा विवाद, चीन को मिली राहत – बोले जॉन बोल्टन, “ये ट्रंप की बड़ी भूल”

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अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैक्स, रूस से तेल खरीद पर बढ़ा विवाद, चीन को मिली राहत – बोले जॉन बोल्टन, “ये ट्रंप की बड़ी भूल”
modi and trump (Wiki)

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण भारी शुल्क लगाना एक “अनजानी लेकिन गंभीर गलती” है। बोल्टन का मानना है कि इस कदम से भारत, चीन और रूस के नजदीक जा सकता है, जिससे अमेरिका के हितों को नुकसान हो सकता है।

बोल्टन ने यह बयान उस समय दिया है, जब शुक्रवार को अमेरिका के एंकोरेज, अलास्का में ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की “हाई-स्टेक” मीटिंग होने वाली है।

भारत पर 50% टैरिफ, लेकिन चीन पर कोई कार्रवाई नहीं

ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि चीन पर ऐसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाए गए हैं, जबकि वह भारत से कहीं ज्यादा मात्रा में रूस से तेल और गैस खरीदता है।

बोल्टन ने कहा, “भारत में इस फैसले को लेकर गुस्सा है, क्योंकि चीन को छूट देकर केवल भारत को टारगेट किया गया है। यह संतुलित नीति नहीं है और इससे भारत की नाराजगी बढ़ रही है।”

रूस और चीन के करीब जा सकता है भारत

बोल्टन ने चेतावनी दी कि इस तरह की नीतियों से भारत को रूस और चीन के करीब जाने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा, “मॉस्को और बीजिंग, दोनों भारत को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेंगे। अगर अमेरिका ने सोच-समझकर कदम नहीं उठाया, तो इसका असर लंबे समय तक रहेगा।”

उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच हाल ही में फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें मोदी ने पुतिन को इस साल भारत में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है।

पीएम मोदी के बड़े दौरे

सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी इस महीने के अंत में चीन जा सकते हैं। यह उनकी 2018 के बाद पहली चीन यात्रा होगी। वह 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तिआनजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में शामिल होंगे।

इधर, रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भी इस साल भारत दौरा तय माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत, रूस और चीन के बीच संबंध मजबूत होते हैं, तो यह अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौती बन सकता है।

विशेषज्ञों की राय

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार मानते हैं कि अमेरिका का यह कदम “डबल स्टैंडर्ड” दिखाता है। एक तरफ वह भारत पर भारी टैक्स लगाता है, तो दूसरी ओर चीन को छूट देता है। इससे भारत की विदेश नीति में अमेरिका के प्रति विश्वास कम हो सकता है।

बोल्टन ने कहा, “यह एक अनफोर्स्ड एरर है, जिसे टाला जा सकता था। अगर अमेरिका भारत को अपनी तरफ रखना चाहता है, तो उसे समान नीति अपनानी होगी।”

यह पूरी खबर आज PTI के माध्यम से सामने आई है, जिसे ETV Bharat ने 15 अगस्त 2025 को रात 10:38 बजे (IST) पब्लिश किया। इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण 50% तक टैरिफ लगाने को एक “अनजानी लेकिन गंभीर गलती” बताया है। खबर में यह भी बताया गया है कि चीन पर ऐसे कोई शुल्क नहीं लगाए गए हैं, जबकि वह भारत से कहीं ज्यादा मात्रा में रूस से ऊर्जा खरीदता है। बोल्टन का मानना है कि इस नीति से भारत, रूस और चीन के और करीब जा सकता है, जिससे अमेरिका के हित प्रभावित हो सकते हैं।

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